दो आरोपी गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे बंधन मुक्त कराया और भगवानपुर हाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गयी. पुलिस उसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी देकर थाने ले गई। इसी बीच रोहित की तबीयत बिगड़ने लगी. बाद में उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि युवक की मौत भगवानपुर हाट अस्पताल में ही हो गयी. मृतक के परिजनों ने थाने में आवेदन देकर चार लोगों को आरोपित किया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है.
गुस्साए लोगों ने हाईवे जाम कर दिया
पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो गये. गुस्साए लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। करीब चार घंटे तक सड़क पर यातायात ठप रहा. सूचना पर पहुंचे महाराजगंज एसडीपीओ पोलस्त कुमार ने भगवानपुर हाट और बसंतपुर थाने की पुलिस की मदद से आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास किया. इसी बीच आक्रोशित लोगों ने भगवानपुर हाट थानाध्यक्ष संजीव कुमार, एक एसआई और एक एएसआई पर हमला कर दिया, जिससे तीनों घायल हो गये. प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को बसंतपुर से सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.
आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी और सभी को घर से उठा ले गए
पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही रोहित का शव कौड़ियां गांव पहुंचा, लोग आक्रोशित हो गये. आक्रोशित लोगों ने मलमलिया-मशरक एनएच-227ए पर शव को गांव के पास रखकर यातायात पूरी तरह बाधित कर दिया. इस दौरान भीड़ ने भगवानपुर हाट थाना प्रभारी संजीव कुमार, एसआई रवि कुमार और एएसआई शैलेश कुमार सिंह को लाठी-डंडे से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. आनन-फानन में तीनों को बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद सभी को रेफर कर दिया गया.
उचित इलाज के अभाव में मौत
हत्या के विरोध में सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना था कि अगर समय पर रोहित को उचित इलाज मिलता तो संभव था कि उसकी मौत नहीं होती. रोहित की मौत की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, उन्होंने आरोपियों के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी. हालांकि लोगों ने उन्हें समझाकर शांत कर दिया। शव घर पहुंचते ही परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और परिजनों सहित अन्य लोगों ने हाईवे पर यातायात बाधित कर दिया. बाद में महाराजगंज एसडीपीओ पोलस्त कुमार भी मौके पर पहुंचे और लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देकर सभी को शांत कराया.
मां ने जमीन विवाद में बेटे की हत्या का लगाया आरोप
वहीं, मृतक रोहित की मां दुर्गावती देवी ने बताया कि जमीन विवाद में बेटे की हत्या की गयी है. आरोप है कि आरोपी सोते समय घर से उठाकर ले गए और घटना को अंजाम दिया। हालांकि यह बात स्थानीय लोगों के भी गले नहीं उतर रही है. मृतक की मां दुर्गावती देवी ने थाने में आवेदन देकर गांव के ही हंसनाथ महतो, मेघनाथ महतो व नीतीश कुमार पर दो दिन पहले हुए जमीन विवाद में हत्या करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने आवेदन में कहा है कि आरोपियों ने आपके पुत्र को जान से मारने की धमकी दी है. इसी भावना से वे उसे घर से दूर ले गये और रस्सी से बांध कर पीट-पीट कर मार डाला.
मौत के बाद रेफर करने का आरोप
मां दुर्गावती देवी, चचेरे भाई बृजकिशोर महतो और उसके एक दोस्त रवि कुमार ने पुलिस और अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस और अस्पताल चाहते तो रोहित बच सकता था. रोहित की मौत के बाद उन्होंने स्थिति गंभीर होने का बहाना बनाकर रेफर कर दिया, जबकि रोहित की सीएचसी में ही मौत हो चुकी थी। उक्त लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि गंभीर रूप से घायल रोहित को अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस उसे थाने ले गयी. हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों की गुहार के बाद पुलिस उसे सीएचसी ले गई, जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद ठीक होने की बात कहकर उसे पुलिस को सौंप दिया। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस ने उसे फिर से सीएचसी में भर्ती कराया, जहां युवक की मौत हो चुकी थी, लेकिन डॉक्टर ने स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए रेफर कर दिया।
गांव में तनाव, परिजनों के रोने से माहौल गमगीन
घटना के बाद कौरियां टोले लिलही में एक ओर जहां तनाव का माहौल है, वहीं दूसरी ओर परिजनों की चीख-पुकार से पूरा माहौल गमगीन हो गया है. सोमवार की सुबह कौड़ियां टोले लिलही में पिटाई से रोहित कुमार की मौत की जानकारी मिलते ही परिजनों ने आरोपित हंशनाथ महतो के घर पर हमला बोल दिया और घर के बाहरी हिस्से को लाठी-डंडे से क्षतिग्रस्त कर दिया. स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ. थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि आरोपित हंसनाथ महतो व मेघनाथ महतो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
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