कांग्रेस नेता ने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए आगे लिखा कि जिस तरह से शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश को भर्ती घोटाला प्रदेश बना दिया है, उससे किसी भी युवा का भविष्य सुरक्षित नहीं है. हर भर्ती घोटाले के तार अंततः सत्तारूढ़ दल के नेताओं से जुड़ते हैं और राज्य सरकार घोटाले के मास्टरमाइंडों को बचाने की कोशिश करती रहती है। उन्होंने आगे लिखा कि शिवराज सरकार की भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की नीति के कारण न केवल युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, बल्कि पूरी दुनिया में मध्य प्रदेश का नाम खराब हो रहा है.
आगे कमल नाथ ने लिखा कि मैं युवाओं को विश्वास दिलाता हूं कि 4 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी, तब घोटालों, भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का राज खत्म होगा और आपको आपकी योग्यता के अनुसार वैध तरीके से रोजगार मिलेगा।
पटवारी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले को लेकर हजारों अभ्यर्थी भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं. मैं उनके प्रदर्शन का समर्थन करता हूं. जिस तरह से शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश को भर्ती घोटाला प्रदेश बना दिया है, उससे किसी भी युवा का भविष्य सुरक्षित नहीं है…
-कमलनाथ (@OfficeOfKNath) 17 जुलाई 2023
क्या बात है
हाल ही में मीडिया में एक खबर आई थी जिसमें विपक्ष द्वारा इस भर्ती घोटाले का कनेक्शन बीजेपी विधायक संजीव कुमार कुशवाह से होने की जानकारी थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पटवारी भर्ती परीक्षा में टॉप करने वाले 10 छात्रों में से 7 एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, ग्वालियर के हैं। इसके मालिक भिंड के विधायक संजीव कुशवाह बताए जा रहे हैं। मामले पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी बयान सामने आया. उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है. यह पूरी तरह से कांग्रेस की साजिश का हिस्सा लगता है.
पटवारी परीक्षा में 8000 से अधिक का चयन हुआ
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आगे कहा कि राज्य में 8000 से ज्यादा पटवारियों का परीक्षा में चयन हुआ है. 13 जिलों में सेंटर बनाने का काम किया गया और 35 दिनों तक परीक्षाएं आयोजित की गईं. 70 से अधिक प्रश्नपत्र आए। कांग्रेस द्वारा लगाए गए अनियमितताओं के सभी आरोप झूठे हैं, जिस केंद्र पर आरोप लगे हैं वहां से कुल 114 लोग चुनकर आए हैं. आज शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पहुंचे अभ्यर्थियों ने मीडिया से बात की और कहा कि जिन केंद्रों पर गड़बड़ी की खबर है, उनकी जांच होनी चाहिए. हमारे माता-पिता ने बहुत मेहनत से पैसे जोड़कर हमें पढ़ाया है। तभी हमें इस प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिली है. सरकार से अनुरोध है कि 15 अगस्त से पहले हमें नियुक्ति पत्र दे दें. अभ्यर्थियों ने कहा कि हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं. मामले को लेकर हम सीएम शिवराज और पीएम मोदी को पत्र लिखेंगे.
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हाल ही में मध्य प्रदेश में पटवारी परीक्षा को लेकर चल रहे हंगामे के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है. राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा ग्रुप-2, सब-ग्रुप-IV और पटवारियों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगने के बाद उन्होंने इस परीक्षा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पटवारियों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाया था. इस आरोप के कुछ ही घंटों के भीतर सीएम चौहान ने यह प्रतिबंध लगा दिया.
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मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव हैं
यहां चर्चा कर दें कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं. कांग्रेस पटवारी भर्ती घोटाले के लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.
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