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मौसम अपडेट: यमुना के बाद अब गंगा ने दिखाया रौद्र रूप, पानी-पानी हुआ उत्तराखंड, फिर मच सकती है तबाही

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मौसम अपडेट: दिल्ली में यमुना के रौद्र रूप ने तबाही मचा रखी है. उत्तराखंड में अब गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है. दरअसल, रविवार को उत्तराखंड के कई स्थानों पर भारी बारिश हुई, जिसके कारण कई इलाकों में भूस्खलन से विभिन्न सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हो गया. इधर, अलकनंदा नदी पर बने बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी देवप्रयाग में खतरे के निशान और हरिद्वार में चेतावनी स्तर को पार कर गयी है. पौडी जिले के श्रीनगर में अलकनंदा के चेतावनी स्तर से ऊपर बहने के कारण इस पर बने जीवीके जलविद्युत परियोजना के बांध से सुबह 2000 से 3000 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने के बाद गंगा के जलस्तर में जबरदस्त उछाल आया. टिहरी के देवप्रयाग संगम पर गंगा खतरे के निशान 463 मीटर को पार कर 463.20 मीटर पर पहुंच गई। इससे संगम घाट, रामकुंड, धनेश्वर घाट और फुलाड़ी घाट में पानी भर गया.

गंगा नदी में तेज उफान, खतरे के निशान से ऊपरइधर, टिहरी जिला आपदा प्रबंधन का कहना है कि जिला प्रशासन ने बाढ़ के संभावित खतरे को देखते हुए लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने की चेतावनी दी है. आपदा प्रबंधन ने कहा है कि ऋषिकेश के पास टिहरी के मुनि की रेती इलाके में भी गंगा का जलस्तर बढ़कर 339.60 मीटर हो गया है, जो चेतावनी स्तर 339.50 से 0.10 मीटर ऊपर है. उधर, बांध से छोड़े गए पानी के कारण रविवार शाम हरिद्वार में गंगा चेतावनी स्तर 293 मीटर को पार कर 293.15 मीटर पर पहुंच गई। हालांकि, हरिद्वार में खतरे का निशान 294 मीटर पर है, लेकिन अधिकारियों को आशंका है कि देर रात तक यह जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच सकता है. वहीं, गंगा के बढ़े स्तर को देखते हुए निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है. उधर, हरिद्वार में भारी पानी आने से भीमगोड़ा बैराज का एक गेट क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे गंगा का पानी अनियंत्रित होकर बह रहा है.

लगातार बारिश हो रही हैगौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से हरिद्वार में लगातार हो रही बारिश के कारण लक्सर, खानपुर, रूड़की, भगवानपुर और हरिद्वार तहसील के 71 गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. वहां राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना और पुलिस की मदद से बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है. मलारी से आठ किमी आगे चमोली जिले के जोशीमठ क्षेत्र में नीति घाटी में गंगा नदी में अत्यधिक पानी के साथ मलबा गिरने से जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग पर नदी पुल का एबटमेंट क्षतिग्रस्त हो गया। पिथौरागढ़ के धारचूला क्षेत्र में काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889 मीटर से ऊपर बह रहा है. राज्य के विभिन्न जिलों में बारिश के कारण हुए भूस्खलन से दर्जनों सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान में प्रदेश के सभी 13 जिलों में रविवार और सोमवार को बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.

उत्तराखंड में भारी बारिश से तबाही

रविवार को उत्तराखंड में भारी बारिश हुई, जिससे भूस्खलन हुआ और बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हो गया।

भारी बारिश के कारण गंगा नदी में उफान आ गया है. रविवार की शाम गंगा नदी चेतावनी स्तर 293 मीटर को पार कर 293.15 मीटर पर पहुंच गयी।

हरिद्वार में भारी पानी के कारण भीमगोड़ा बैराज का एक गेट क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे गंगा का पानी अनियंत्रित होकर बह रहा है.

धारचूला में काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर 889 मीटर से ऊपर पहुंच गया है।

मौसम विभाग ने भारी बारिश को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया है.

गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए निचले इलाकों को अलर्ट कर दिया गया है.

बारिश और भूस्खलन के कारण 259 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

जीवीके जल विद्युत परियोजना के बांध से करीब 3000 क्यूमेक्स पानी छोड़े जाने से गंगा उफान पर है.

सोमवार और मंगलवार को भी प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है.

मौसम विभाग ने दी बारिश की चेतावनीमौसम विभाग ने आज यानी सोमवार को उत्तराखंड के सभी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने ज्यादातर इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. वहीं, मंगलवार के लिए भी पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोडा, नैनीताल के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग ने कहा है कि कुछ इलाकों में मध्यम बारिश होगी, इसके लिए विभाग ने 18 जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि आज कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है.

राहत और बचाव जारी हैभारी बारिश के कारण हरिद्वार की रूड़की, भगवानपुर, लक्सर और हरिद्वार तहसीलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, सेना और पुलिस की मदद से राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. इन तहसीलों में बाढ़ प्रभावित 71 गांवों के 3756 परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. कई लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ के कारण इन इलाकों में पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि सात घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 201 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. हरिद्वार में भारी बारिश के कारण 17 सड़कें और नौ पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

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दर्जनों सड़कें बंदअधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में बारिश के कारण भूस्खलन के कारण दर्जनों सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं. चमोली जिले के पीपलकोटी और तंगानी में मलबा आने से ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। अलकनंदा नदी का पानी चेतावनी स्तर से ऊपर बहने के कारण पौडी जिले में श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के बांध से पानी छोड़ा गया, जिससे गंगा नदी उफान पर है.

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