शहरीकरण के कारण सुवर्णरेखा और खरकई नदियों की हालत खराब हो रही है
विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले टाटा स्टील की कंपनी जुस्को और अब टीएसयूआईएसएल जमशेदपुर में पेयजल उपलब्ध करा रही है. यह कंपनी मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना भी चला रही है. जमशेदपुर में पेयजल आपूर्ति की अस्वच्छता की जिस समस्या से यह कंपनी वर्तमान में जूझ रही है, उसे मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के संचालन में बेहतर अनुभव मिल रहा है. मोहरदा का संकट अब पूरे जमशेदपुर पर छा गया है. यही संकट बागबेड़ा, जुगसलाई आदि पर भी आने वाला है. कारण यह है कि अंधाधुंध शहरीकरण के कारण सुवर्णरेखा और खरकई नदियां बद से बदतर स्थिति में पहुंचती जा रही हैं। इनका पानी दिन-ब-दिन गंदा होता जा रहा है। इसलिए सिर्फ जलकुंभी को साफ करना, जल शुद्धिकरण के दौरान अधिक रसायन डालना, बारिश के कारण नदी में जल प्रवाह कम होने का कारण बताना और चांडिल डैम व डिमना लेक से सीमित पानी छोड़ने की बात करना समस्या का स्थायी समाधान नहीं है. .
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औद्योगिक जल आपूर्ति एवं पेयजल आपूर्ति का समाधान इस प्रकार किया जा सकता है
सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में औद्योगिक और पेयजल आपूर्ति का एकमात्र सतही स्रोत सुवर्णरेखा, खरकई और उसकी सहायक नदियां हैं, जिनमें बारिश का पानी बहता है. इन दोनों जलाशयों के स्तर पर ही जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में औद्योगिक जलापूर्ति और पेयजलापूर्ति की योजना बनानी होगी.
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परामर्श के लिए विशेषज्ञों का एक समूह बनाएं
विधायक सरयू राय ने कहा कि इसके अलावा इस संकट के समाधान के संदर्भ में अगर कोई और सटीक उपाय है तो उस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए. टाटा स्टील और सरकार को इन बिंदुओं पर परामर्श के लिए आंतरिक और बाहरी विशेषज्ञों का एक समूह बनाना चाहिए। वर्तमान मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु फेज-2 के क्रियान्वयन पर विचार हेतु परसों 18 जुलाई को रांची में सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा बुलायी गयी बैठक में मैं यह संकल्पना रखूंगा.
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यहां संक्षिप्त समाधान दिए गए हैं-
1. औद्योगिक जल आपूर्ति सीधे नदियों से पानी खींचकर की जानी चाहिए।
2. पीने के पानी की आपूर्ति के लिए चांडिल डैम से प्रतिदिन उतना ही पानी डिमना लेक में डाला जाए जितना जमशेदपुर और आसपास के इलाकों के लिए जरूरी है और डिमना लेक से इस पानी को पाइप के माध्यम से पेयजल के लिए सप्लाई किया जाए.
3. सतनाला बांध पर पेयजल आपूर्ति संरचना भी स्थापित की जाये।
4. सुवर्णरेखा को जीवित रखने के लिए चांडिल बांध से निरंतर निर्धारित पर्यावरणीय प्रवाह छोड़ा जाना चाहिए।
5.जमशेदपुर के लिए नाला आधारित विकास योजना बनायी जाये. नालों का स्वास्थ्य ठीक रखा जाए और उनके दूषित जल को नदियों में गिरने से पहले साफ किया जाए।
6. सीवरेज व्यवस्था को शहरीकरण का अनिवार्य अंग बनाया जाये।
7. प्रयुक्त जल का पुनर्चक्रण करना चाहिए।
8. औद्योगिक जल और पेयजल आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए टाटा स्टील और झारखंड सरकार की एक संयुक्त समिति का गठन किया गया।
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पेयजल में गंदगी की शिकायत पर लिया संज्ञान
सरयू राय ने पिछले दिनों ट्वीट कर कहा था कि टाटा लीज क्षेत्र की 4 बस्तियों के उपभोक्ताओं ने मुझे टीयूआईएसएल (जुस्को) की पेयजल आपूर्ति में गंदगी और कीड़े आने की शिकायत भेजी है. मैंने शिकायतकर्ताओं का फोन, शिकायतों का स्क्रीन शॉट एमडी को भेज दिया है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है. अगर कहीं ऐसा हो तो मुझे सूचित करें.
टाटा लीज क्षेत्र की चार बस्तियों के उपभोक्ताओं ने मुझे टीयूआईएसएल (जुस्को) की पेयजल सप्लाई में गंदगी और कीड़े होने की शिकायत भेजी है. मैंने शिकायतकर्ताओं के फोन नंबर, शिकायतों के स्क्रीनशॉट एमडी को भेज दिए हैं। उन्होंने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है. अगर कहीं ऐसा हो तो मुझे सूचित करें.
– सरयू रॉय (@roysaryu) 14 जुलाई 2023
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