पांच दिन में तीन विधायक चले गये
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार का साथ छोड़ने वाले मार्कंड जाधव पाटिल महाराष्ट्र के सतारा जिले की वाई विधानसभा सीट से विधायक हैं। मकरंद के सैकड़ों समर्थक विधायक भी उन्हीं की राह पर चलते हुए शरद पवार के खेमे में लौट आए हैं. मकरंद जाधव से पहले पिछले शुक्रवार को रामराजे नाइक-निंबालकर और दीपक चव्हाण ने शरद पवार खेमे में वापसी का कदम उठाया था.
शरद खेमे से भी विधायक भागे
रिपोर्ट में कहा गया है कि अजित पवार के गुट से ना सिर्फ विधायक भाग रहे हैं, बल्कि शरद पवार की विधायक किरण लम्हाटे भी अजित के गुट में शामिल हो गई हैं. किरण लम्हाटे ने पलटी मारी है और तीसरी बार अजीत के ग्रुप में शामिल हो गई हैं. वह सबसे पहले अजीत ग्रुप से जुड़े। दो दिन बाद शरद का साथ पकड़ा और फिर अपने भतीजे के पास लौट आए। 2 जुलाई को अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद किरण शरद के गुट में चली गई थीं और अब अजित के गुट में लौट आई हैं. अजित के शपथ ग्रहण के दौरान वह भी वहां मौजूद थे.
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एनसीपी में फूट
अजित पवार के शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी दो गुटों में बंट गई है और पार्टी पर नियंत्रण के लिए चाचा-भतीजे की लड़ाई जारी है. दोनों गुटों ने 5 जुलाई को शक्ति प्रदर्शन भी किया था. अजित गुट की बैठक में 35 से ज्यादा विधायकों की मौजूदगी का दावा किया गया था और शरद गुट के 15 विधायक पहुंचे थे. हालांकि अजित पवार दावा कर रहे हैं कि उनके पास 40 से ज्यादा विधायक हैं. महाराष्ट्र में एनसीपी के 53 विधायक हैं और पार्टी पर नियंत्रण का दावा करने के लिए अजीत पवार को 36 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी।
महाराष्ट्र समाचार
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