सोनाहातू में कांची नदी पर घटिया पुल बनाने वाले इंजीनियरों और ठेकेदारों पर अब भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि हरडीह-बुहाडीह पुल का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया था. अनुमान से कम सामग्री का उपयोग किया गया। इसकी मॉनीटरिंग भी इंजीनियरों द्वारा नहीं की गयी. इसका नतीजा यह हुआ कि 27 मई 2021 को पानी के तेज बहाव के कारण 13 करोड़ की लागत से बना पुल 27 मई 2021 को ध्वस्त हो गया.
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इसकी जांच उच्च स्तरीय कमेटी से करायी गयी. जांच टीम में अभियंता प्रमुख मुरारी भगत के नेतृत्व में दो मुख्य अभियंता भी शामिल थे. उन्होंने स्पष्ट रिपोर्ट दी है कि खराब गुणवत्ता के कारण पुल टूटा है. इस मामले में अभियंताओं व ठेकेदारों पर कार्रवाई के लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता को आरोप तय कर अनुशंसा भेजने को कहा था.
काफी दिनों तक तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम ने इस मामले को दबाये रखा. उनके हटने के बाद सुरेंद्र प्रसाद मुख्य अभियंता बने. विभाग ने उनसे आरोप तय कर कार्रवाई के लिए अनुशंसा भेजने को भी कहा, लेकिन उन्होंने अब तक अनुशंसा नहीं भेजी है. इससे आरोपी इंजीनियर-ठेकेदार बचे हुए हैं. विभाग इन पर कार्रवाई भी नहीं कर पा रहा है.
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