सिंगापुर, 07 जुलाई (हि.स.)। सिंगापुर की राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए उन्होंने मंत्री पद छोड़ने के साथ ही सभी राजनीतिक और आधिकारिक पदों से इस्तीफा दे दिया है।
सिंगापुर का राष्ट्रपति चुनाव, जो हर छह साल में होता है, इस साल वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का कार्यकाल समाप्त होने से पहले होना है। उनका कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो रहा है. सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिए सख्त नियम और शर्तें हैं। राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को सिंगापुर का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र 45 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और वह कम से कम 10 वर्षों से सिंगापुर में रह रहा हो। नामांकन के समय वह किसी भी पार्टी से संबद्ध नहीं होना चाहिए और सार्वजनिक और निजी सेवा में कम से कम 20 वर्षों तक काम किया होना चाहिए।
भारतीय मूल के 66 वर्षीय थर्मन शनमुगरत्नम ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पीपुल्स एक्शन पार्टी के साथ-साथ कैबिनेट से भी इस्तीफा दे दिया। थुरमन ने वर्ष 2001 में राजनीति में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने कैबिनेट में कई पदों पर भी काम किया। वह देश के उपप्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने मौद्रिक प्राधिकरण और सिंगापुर के वास्तविक केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष और संप्रभु धन कोष जीआईसी के उपाध्यक्ष का पद भी संभाला है। थुरमन ने आर्थिक विकास बोर्ड की अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
दो दशक से अधिक समय तक देश की जनता के लिए काम करने के बाद अब वह सभी राजनीतिक और आधिकारिक पदों से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अपनी आखिरी संसदीय बैठक में, सदन की नेता इंद्राणी राजा ने कहा कि हम थुरमन और उनके शक्तिशाली भाषणों को याद करेंगे। उनका सबसे बड़ा उपहार जटिल आर्थिक सिद्धांतों का सरलीकरण था। हम उनकी बुद्धिमता और हास्य को भी बहुत याद करेंगे। यहां ज्यादातर लोग उन्हें एक दोस्त और सांसद के रूप में याद रखेंगे।
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