बीजापुर, 05 जुलाई (हि.स.)। जिले की पुलिस और प्रशासन यह दावा करते नहीं थकती कि नक्सली कमजोर हो गये हैं और बहुत पीछे धकेल दिये गये हैं. इसके उलट जिले के नक्सल प्रभावित ग्रामीण इलाकों में नक्सलियों का आतंक बढ़ता जा रहा है. नक्सलियों ने दो सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया, जिसके बाद दोनों परिवारों के करीब 11 सदस्यों ने गांव छोड़ दिया है. इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर बीजापुर में सीआरपीएफ जवानों के परिवार सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की हालत क्या होगी.
हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक कुटरू क्षेत्र के दरबा गांव के दो परिवारों के दो युवाओं को सीआरपीएफ में चयनित होने के बाद ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. इसी बीच नक्सलियों ने उनके परिवार के एक सदस्य का अपहरण कर लिया और उसे अपने साथ ले गए, फिर तालिबानियों को गांव छोड़ने के लिए कहा, जिसके डर से पीड़ित परिवार ने गांव छोड़ दिया. मालूम हो कि उनके पास करीब 08 एकड़ कृषि भूमि, घर और मवेशी थे, उन्होंने सब छोड़ दिया. नक्सलियों ने दोनों युवकों को सीआरपीएफ में भर्ती करने का विरोध करते हुए उन्हें इस गांव में खेती नहीं करने की हिदायत देते हुए कहा कि तुम्हारे भाई सीआरपीएफ में भर्ती हो गए हैं, इसलिए तुम लोग यहां नहीं रह सकते, अगर तुम लोग यहां रहोगे तो लोग मारे जायेंगे. आप लोग गांव छोड़ दीजिए, इस गांव में नहीं आना चाहते।
बीजापुर एसडीओपी पुलिस विकास ने बताया कि इस घटना की जानकारी मीडिया के माध्यम से हुई है, थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. हमने सीआरपीएफ जवानों के पीड़ित परिवार को पुलिस कैंप के पास रहने की सलाह दी है, लेकिन पीड़ित परिवार के सदस्यों ने दंतेवाड़ा में अपने रिश्तेदारों के यहां जाने का फैसला किया है.
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