भारत ने नौवीं बार खिताब जीता
इससे पहले 90 मिनट के खेल में दोनों टीमों का स्कोर 1-1 गोल से बराबर था. इसके बाद अतिरिक्त समय में भी दोनों टीमें गोल करने में नाकाम रहीं. फिर पेनाल्टी शूटआउट में हार-जीत का फैसला हुआ. भारत की इस जीत में गोलकीपर गुरप्रीत संधू ने बड़ी भूमिका निभाई. उन्होंने उड़ते हुए कुवैत के गोल को लगभग रोक दिया और भारत को जीत दिला दी। भारत ने इससे पहले 1993, 1997, 1999, 2005, 2009, 2011, 2015 और 2021 में खिताब पर कब्जा किया था।
जैक्सन सिंह अलगाववादी झंडे के साथ क्या कर रहे हैं. क्या वह नहीं जानता कि यह कोई राज्य/क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता नहीं बल्कि एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट है जहां वह अपने देश भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है। कार्यवाही करना @इंडियनफुटबॉल pic.twitter.com/d1dvLj9sNn
– सियाम बॉय (@Aamtolzo) 4 जुलाई 2023
‘मणिपुर का झंडा’ लेकर मेडल लेने पहुंचे जैक्सन सिंह
भारत की जीत के बाद मिडफील्डर खिलाड़ी जैक्सन सिंह अपने ऊपर बहुरंगी झंडा लपेटकर जश्न मनाते दिखे, जिसने कई लोगों का ध्यान खींचा. बाद में जैक्सन ने बताया कि यह मणिपुर का झंडा है और लोगों से शांति की अपील करने के लिए उन्होंने ऐसा किया. दरअसल, मणिपुर में पिछले 2 महीने से जातीय हिंसा देखी जा रही है और इसमें अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जैक्सन सिंह, महेश सिंह और उदंता सिंह- ये तीन खिलाड़ी मणिपुर के हैं, जिन्होंने फाइनल में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.
ईएसपीएन से बात करते हुए जैक्सन सिंह ने कहा कि ‘यह मेरे मणिपुर का झंडा है. मैं बस भारत और मणिपुर में हर किसी से कहना चाहता था कि वे शांति से रहें और लड़ाई न करें। मुझे शांति चाहिए।’
खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले जैक्सन सिंह पर नेटिज़न्स द्वारा सवाल उठाए जाते हैं जब वह एक ऐसा झंडा पहनना चुनते हैं जो कुकी की हत्या, कुकी गांवों में आग लगाने और चर्चों को नष्ट करने के जघन्य कृत्यों का प्रतीक है। यह भारतीयों के प्रति उनकी वफादारी के बारे में चिंता पैदा करता है… pic.twitter.com/BT7097PtAq
– विश्लेषणात्मक कुकी (@Analytical_Kuki) 4 जुलाई 2023
मैं सिर्फ लोगों का ध्यान अपने मणिपुर की ओर आकर्षित करना चाहता था।’
हालांकि, इसके बाद जैक्सन को आलोचना का सामना भी करना पड़ा। इसका जवाब देते हुए उन्होंने लिखा कि ‘प्रिय प्रशंसकों, मैं झंडे के साथ जश्न मनाकर किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था। मैं सिर्फ अपने गृह राज्य मणिपुर की वर्तमान स्थिति की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता था। आज शाम की ये जीत सभी भारतीयों को समर्पित है. मुझे उम्मीद है कि मेरे गृह राज्य मणिपुर में शांति लौटेगी.
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ऐसा रहा मैच का हाल
वहीं, भारत बनाम कुवैत फाइनल मैच की बात करें तो मैच का पहला गोल कुवैत के खिलाड़ी अलकाल्डी ने किया। इस तरह मैच के 16वें मिनट में कुवैत ने 1-0 की बढ़त ले ली. वहीं, इसके बाद 17वें मिनट में भारतीय टीम को गोल करने का मौका मिला, लेकिन वह चूक गई। भारत के लिए कप्तान सुनील छेत्री ने 39वें मिनट में गोल किया. इस तरह भारतीय टीम ने बराबरी कर ली. इसके बाद गेम 1-1 की बराबरी पर आ गया. हालांकि, इसके बाद भी दोनों टीमों के खिलाड़ियों को कई मौके मिले, लेकिन वे उन्हें गोल में तब्दील नहीं कर सके। हालांकि, मैच का फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ, जिसमें टीम इंडिया ने जीत हासिल की.
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