सावन 2023: केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंडकेदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड
केदारनाथ को हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यहां स्थित केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिंदू धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है। केदारनाथ का मंदिर साढ़े तीन हजार फीट से भी अधिक ऊंचाई पर बना विशाल मंदिर है। यह मंदिर अप्रैल से नवंबर तक खुला रहता है।
सावन 2023: काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश
काशी विश्वनाथ मंदिर, उत्तर प्रदेश
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित है। वाराणसी को काशी और बनारस भी कहा जाता है। यह मंदिर काशी के दशाश्वमेध घाट पर स्थित है और थोड़ी ही दूरी पर गंगा नदी बहती है। शिव भक्त सबसे पहले गंगा नदी में स्नान करते हैं, उसके बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं। मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से भक्तों के लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
सावन 2023: महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश
महाकालेश्वर, मध्य प्रदेश
भगवान शिव का ‘महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग’ मध्य प्रदेश के उज्जैन में सलिला शिप्रा नदी के पास स्थित है, जिसे भारत में पर्यटकों की पसंद कहा जाता है। कहा जाता है कि महाकालेश्वर के दर्शन करने वाले भक्तों का समय भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसे धरती का एकमात्र मान्य शिवलिंग भी माना जाता है। सावन के महीने में यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है।
सावन 2023: अमरनाथ धाम, जम्मू-कश्मीर
अमरनाथ धाम, जम्मू और कश्मीर
श्रीनगर से लगभग 145 किमी दूर स्थित अमरनाथ धाम के बारे में कहा जाता है कि इस गुफा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरता का मंत्र सुनाया था। मान्यता है कि अमरनाथ गुफा में स्वयं भगवान शिव निवास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि अमरनाथ गुफा के अंदर बर्फ के शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही लोगों को 23 पवित्र तीर्थ स्थानों की यात्रा करने जितना पुण्य प्राप्त हो जाता है।
सावन 2023 : वैद्यनाथ धाम, झारखंड
वैद्यनाथ धाम, झारखंड
झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम (बाबा धाम) का बहुत महत्व है और यहां के कामना लिंग को सबसे अधिक महिमामंडित बताया जाता है। इसके शिखर पर त्रिशूल की जगह ‘पंचशूल’ है जिसे सुरक्षा कवच माना जाता है और यही इस मंदिर को खास बनाता है। यूं तो यहां साल भर भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन सावन के दौरान पूरा मंदिर भगवा धारण किए शिव भक्तों से रंग जाता है।
सावन 2023: लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान माना जाता है और यह सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की एक-एक शिला पर उत्कृष्ट कारीगरी का नमूना देखा जा सकता है। इसकी ऊंचाई 180 फीट है। मंदिर परिसर में गौरी, गणेश और कार्तिकेय के मंदिर भी मौजूद हैं। सावन के महीने में यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है।
सावन 2023: लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर
तारकेश्वर मंदिर, पश्चिम बंगाल
कोलकाता से 85 किलोमीटर दूर हुगली जिले में तारकेश्वर नाम का एक नगर है, जहां प्रसिद्ध तारकेश्वर मंदिर स्थित है। यह मंदिर तारकनाथ को समर्पित है, जो भगवान शिव का एक रूप हैं। यह मंदिर प्राचीन काल में जंगलों में पाया गया था।
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