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झारखंड में भगवान बिरसा मुंडा के कई स्मृति स्थल स्थित हैं, जानिए क्या है इन सभी की खासियत

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पीएम मोदी ने आज से 2 साल बाद दिल्ली के संसद भवन में भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था. इसका मुख्य कारण लोगों को भगवान बिरसा के बलिदान की याद दिलाना था। आज इस प्रकार का स्मारक झारखंड के साथ-साथ देश के कई क्षेत्रों में मौजूद है। ऐसे में आज हम भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि के अवसर पर राज्य में बने ऐसे तमाम स्मारक स्थलों की चर्चा करेंगे, जो कई कारणों से बहुत प्रसिद्ध हैं.

बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क रांची

राजधानी रांची के 30 एकड़ में फैले बिरसा मुंडा मेमोरियल गार्डन को झारखंड की धरोहर के रूप में तैयार किया गया है. इसका उद्घाटन 15 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। इस पार्क में बाहर से आने वाले लोगों का बेहतर मनोरंजन करने के लिए यहां हर शाम लेजर शो का भी आयोजन किया जाता है। साथ ही शहीदों की जीवनी भी दिखाई गई है। इसके अलावा यहां म्यूजिकल फाउंटेन में झारखंड के मंदिरों को भी दिखाया गया है।

बिरसा मुंडा संग्रहालय

भगवान बिरसा मुंडा का संग्रहालय अपने आप में सभी प्रतीकों को समेटे हुए है। यहां के कण-कण में धरती मां के निशान मौजूद हैं। जिनकी प्रेरणा और संघर्ष की गाथाएं हमें आज भी आगे बढ़ने और अपने कर्तव्य को पूरा करने का एहसास दिलाती हैं। यदि आप इस संग्रहालय के परिसर में जाते हैं तो आपको राज्य के महापुरुषों की जीवनी से रूबरू होने का मौका मिलेगा।

पांच एकड़ में फैले इस म्यूजियम की सबसे खास बात यह है कि लोग उस सेल में जा सकेंगे, जहां भगवान बिरसा मुंडा की मृत्यु हुई थी। इस जेल में भगवान बिरसा के जीवन को तीन भागों में दर्शाया गया है। पहले भाग में बिरसा के बचपन को दिखाया गया है। दूसरे भाग में सामान्य व्यक्तित्व से पृथ्वी के रूप में परिवर्तन को दिखाया गया है। तीसरे भाग में आदिवासी समुदाय को जल-जंगल-जमीन बचाने का संघर्ष और अंग्रेजों से संघर्ष करते दिखाया गया है।

रांची का बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम

रांची के मोरहाबादी में बने बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम का निर्माण वर्ष 2009 में किया गया था. इसमें करीब 40 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. हर सुबह स्टेडियम के सिंथेटिक ट्रैक में दौड़ने के लिए जाएं।

रांची का बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम

रांची के खेलगांव में बना बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मशहूर है. क्योंकि यहां कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन हो चुका है। वर्ष 2011 में यहां 34वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया गया था। स्टेडियम में मौजूद सभी उपकरण अत्याधुनिक हैं। इस स्टेडियम में इनडोर और आउटडोर दोनों खेलों का आयोजन किया जाता है।

बिरसा मुंडा जैविक उद्यान

बिरसा मुंडा जैविक उद्यान रांची के ओरमांझी में स्थित है। हजारीबाग की सड़क पर स्थित यह उद्यान पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इसकी स्थापना 1994 में हुई थी। इस गार्डन की खूबसूरती का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां हर साल स्कूली बच्चों को एजुकेशनल टूर के लिए लाया जाता है। यहां आपको कई विलुप्त और दुर्लभ प्रजातियों के जानवर देखने को मिलेंगे। इसके क्षेत्रफल की बात करें तो यह 104 हेक्टेयर में फैला हुआ है।

बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची

रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्टस्थित हैं हिनू, रांची में. यह भारत का 20वां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। 24 मार्च 2013 को शुरू हुआ यह एयरपोर्ट आज लगातार विकसित हो रहा है। इसी का नतीजा है कि इसे हाल ही में ग्राहकों की संतुष्टि के मामले में दूसरा स्थान मिला है।

बिरसा मुंडा समाधि स्थल

बिरसा मुंडा की समाधि स्थल कोकर के आसवनी पुल के पास स्थित है। हर साल शहादत दिवस पर भगवान बिरसा की समाधि को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है। जहां इस दिन झारखंड के कई बड़े नेता यहां माल्यार्पण करने आते हैं.

बिरसा मुंडा कृषि विश्वविद्यालय

रांची के बिरसा मुंडा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 1955 में हुई थी। जो राजधानी के कांके में स्थित है। इसका उद्देश्य राज्य में अत्याधुनिक खेती को बढ़ावा देना था तथा कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान के उद्देश्य से इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।

बिरसा मुंडा एग्रो पार्क गुमला

रांची से करीब 100 किमी दूर गुमला में बिरसा मुंडा एग्रो पार्क है। जहां की खूबसूरती लोगों का मन मोह लेती है। खासकर बच्चों के मनोरंजन के लिए सुविधाएं हैं। यहां के पार्क ट्री हाउस की बात ही अलग है। खास बात यह है कि रात के अंधेरे में रंग-बिरंगी रोशनी लोगों को अपनी ओर खींचती है।

बिरसा मुंडा कॉलेज स्टेडियम

रांची से करीब 60 किमी की दूरी पर स्थित खूंटी बिरसा मुंडा कॉलेज में स्थित स्टेडियम भी प्रसिद्ध है. इस स्टेडियम के निर्माण का उद्देश्य जिले के युवाओं को हॉकी के खेल में आगे बढ़ाना था। साल 2022 में इसे FIH फील्ड सर्टिफिकेट मिला था। बता दें कि यह सर्टिफिकेट जमीन की सभी गुणवत्ता परखने के बाद दिया जाता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों के आयोजन के मापदंडों पर भी नजर रखी जा रही है।

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