रांची: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे में मारे गए यात्रियों को विभिन्न संगठनों ने सोमवार को रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर श्रद्धांजलि दी. एसीटीयू, माले, बगाइच, इंसाफ मंच व जसम के कार्यकर्ताओं ने हाथों में मोमबत्तियां लेकर एक मिनट का मौन रखा। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आम लोगों का असमय निधन अत्यंत दु:खद है। तीन दिन बीत जाने के बाद भी कई यात्रियों का पता नहीं चल पाया है। इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सभी मृतकों को ट्रेस कर उनके परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए.
ट्रेनों को दुर्घटना मुक्त करने की मांग
वक्ताओं की मानें तो बालासोर रेल हादसा दुनिया के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक है। हादसे के बाद सुपर फास्ट बंदे भारत जैसी ट्रेनों को दुर्घटना मुक्त बनाने की जरूरत है. मोदी सरकार के शासन में अब तक चार बड़े रेल हादसे हो चुके हैं। इनमें से तीन हादसे पैसेंजर ट्रेनों की मालगाड़ियों से टक्कर के कारण हुए। यात्री ट्रेनों की तुलना में मालगाड़ियों को सुपर फास्ट बनाया गया है।
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हादसे से सबक लेने की जरूरत है
वक्ताओं ने कहा कि गैर योजनागत मदों पर सुरक्षा मद की राशि खर्च करने पर आपत्ति के बावजूद कैग की रिपोर्ट में दिये गये सुझावों को नहीं मानना गंभीर मामला है. नेताओं द्वारा घड़ियाली आंसू बहाने के बजाय अब बचाव के लिए ठोस पहल की जानी चाहिए। पहले हुए रेल हादसों से सबक लिया होता तो शायद ऐसी घटना को रोका जा सकता था। सुरक्षा कवर से ज्यादा मैनपावर की कमी इसका मुख्य कारण है और इसके लिए केंद्र सरकार और रेल मंत्री की नीतियां जिम्मेदार हैं।
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ओडिशा ट्रेन हादसे के मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि, 50 लाख के मुआवजे और दोषियों को सजा की मांग सबसे पहले BLiTZ पर दिखाई दी।
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