नगर आयुक्त ने प्री-मानसून अभियान के तहत नाले की सफाई, तूफान लाइन, जर्जर इमारतों और खतरनाक पेड़ों की छंटाई के काम की समीक्षा की थी. अब अंचल अधिकारी को यह प्रमाण पत्र लेना होगा कि बरसाती जालियों की सफाई की गई है और यदि मानसून में पानी रहता है तो रिपोर्ट देने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अंचलाधिकारियों, मंडलाधिकारियों व नगर अभियंताओं को प्री-मानसून के तहत पूर्ण एवं चल रहे कार्यों की जानकारी दी गयी. जिसमें जालों की सफाई के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को प्रमाण पत्र जारी करने और मानसूनी बाढ़ की स्थिति में उन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने का सुझाव दिया गया.
उन्होंने गढ़े पुराण के कार्य को भी सुरक्षित स्थान पर ले जाने का आदेश दिया। इस चरण में उद्यानिकी विभाग से खतरनाक वृक्षों की छंटाई, नगर विकास विभाग से जर्जर संपत्तियों की सूची तथा ड्रेनेज विभाग से गाद निकालने की जानकारी प्राप्त की गयी थी.
मेट्रो रूट की कार्यप्रणाली पर बैठक
नगर आयुक्त ने प्री-मानसून संचालन का जायजा लेने के लिए मेट्रो रेल अधिकारियों को भी बैठक में बुलाया। आयुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ समन्वय किया और जीएमआरसी को रिपोर्ट सौंपी।
सूरत : अब से मानसून में जलभराव की स्थिति में अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी. पहली बार BLiTZ पर दिखाई दिया।
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